GUPT -NAVRATRI |
भारतीय अध्यात्म में वर्ष भर में शक्ति की आराधना के दो नौ दिवसीय अवसर उपलब्ध कराए हैं। पहला है वासंती नवरात्र और दूसरा है शारदीय नवरात्र। इन नौ दिवसीय आराधना का प्रतिफल मनुष्य को यह मिलता है कि मनुष्य में सकारात्मक शक्ति का सृजन होता है। लेकिन वर्ष में अन्य दो और नवरात्रियां ऐसी हैं, जिनमें इन शक्तियों के संरक्षण व समाज के लिए आवश्यक गोपनीय शक्तियों का अर्जन किया जा सकता है। इन नौ दिवसीय शक्ति आराधना को ‘गुप्त नवरात्रि’ के नाम से सम्बोधित किया गया है। पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास के शुक्ल पक्ष में और दूसरी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम नौ दिनों में आती है। शास्त्रों में श्रृंगी ऋषि का वर्णन मिलता है कि जिस तरह दो मुख्य नवरात्रियों में माता आदि शक्ति के नौ स्वरूपों की आराधना होती है, उसी तरह गुप्त नवरात्रि में गोपनीय और कल्याणकारी शक्ति के अर्जन की आकांक्षा से ‘दश महाविद्याओं’ की आराधना की जाती है।
1. काली- शास्त्रों में काल सर्प, मांगलिक, मृत्यु भय जैसी बाधाओं से मुक्ति के लिए आदिशक्ति मां काली की आराधना का वर्णन मिलता है।
मंत्र- क्रीं ह्रीं ह्रूं दक्षिणे कालिके स्वाहा।
2. तारा- बौद्धिक योग्यता में वृद्धि और उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए आदि शक्ति की आराधना श्रेष्ठ है।
मंत्र- ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फट।
3. त्रिपुर सुन्दरी- व्यक्तित्व विकास, स्वस्थ और सुन्दर शरीर की आकांक्षा से मां त्रिपुर सुन्दरी की आराधना की जाती है।
मंत्र- ऊं ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदर्यै नम:।
4. भुवनेश्वरी- भूमि, वाहन एवं समस्त ऐश्वर्यो की प्राप्ति के लिए मां भुवनेश्वरी की आराधना करना लाभदायक है।
मंत्र- ऊं ह्रीं भुवनेश्वर्यै ह्रीं नम:।
5. छिन्नमस्ता- करियर में सफलता, पदोन्नति, रोजगार की प्राप्ति के लिए मां छिन्नमस्ता को प्रसन्न करना लाभदायक है।
मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं ऐं वज्र वैरोचनियै ह्रीं फट स्वाहा:।
6. त्रिपुर भैरवी- सुंदर और श्रेष्ठ पति-पत्नी की प्राप्ति और शीघ्र विवाह के लिए त्रिपुर भैरवी की साधना उत्तम है।
मंत्र- ऊं ह्रीं भैरवी क्लौं ह्रीं स्वाहा:।
7. धूमावती- अज्ञात भय, बाहरी बाधा इत्यादि से मुक्ति के लिए इन नौ दिनों में मां धूमावति की आराधना सहायक होती है।
मंत्र- ऊं धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:।
8. वगुलामुखी- प्रतियोगिता परीक्षा में और न्यायिक विवादों में सफलता हेतु मां वगुलामुखी की आराधना श्रेष्ठ है।
मंत्र- ऊं ह्लीं वगुलामुखी देव्यै ह्लीं ऊं नम:।
9. मातंगी- संतान प्राप्ति हेतु और प्राकृतिक उपद्रवों से मुक्ति के लिए आदि शक्ति मातंगी की आराधना लाभदायक है।
मंत्र- ऊं ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:।
10. कमला- धन-धान्य की प्राप्ति, समृद्धि, ऋण मुक्ति और प्रगति की आकांक्षा रखने वालों को मां कमला की उपासना करनी चाहिए।
मंत्र- ह्सौ: जगत प्रसुत्यै स्वाहा:।
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