
रुपया भले ही गिरे, मगर अब रिजर्व बैंक (आरबीआई) विदेशी मुद्रा भंडार को कम नहीं होने देगा। विदेशी मुद्रा भंडार घटते ही कई दूसरे पैमाने रुपए की कमजोरी को बढ़ाने लगेंगे। यही वजह है कि सोमवार की रिकॉर्ड गिरावट के बावजूद केंद्रीय बैंक ने बाजार में दखल नहीं दिया। बाजार में डॉलरों की एकमुश्त आवक ही अब रुपए को सहारा दे सकती है इसलिए सरकारी उपक्रमों यानी पीएसयू को विदेशी बाजार में बॉण्ड जारी करने की छूट मिल गई है। अनिवासी भारतीयों के लिए बांड अगला कदम हो सकता है। करीब सात माह के आयात के लायक विदेशी मुद्रा भंडार इस समय विदेशी मुद्रा के मोर्चे पर भारत की इकलौती हिफाजत है। इसे आधार बनाकर ही प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह देश को ढांढस बंधाया था। वित्तीय बाजारों में लगातार बिकवाली से डॉलर की मांग थामने के उपाय बेअसर हो रहे हैं तो आरबीआई की रणनीति विदेशी मुद्रा भंडार में कमी रोकने पर केंद्रित हो गई है। बाजार के विशेषज्ञ मानते हैं कि रिजर्व बैंक डॉलरों की एक छोटी बिकवाली के जरिए रुपए में ताजा गिरावट रोक सकता था लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार को बचाए रखने की गरज से इसे टाला गया। विदेशी मुद्रा भंडार की पर्याप्तता को छोटी अवधि के बकाया कर्ज की रोशनी में भी परखा जाता है। इस पैमाने पर भी हालत बिगड़ रही है।केन्द्र सरकार ने विदेश से लौटने वाले हवाई यात्रियों द्वारा अपने साथ ड्यूटी-फ्री फ्लैट स्क्रीन टीवी और एलईडी लाने पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध २६ अगस्त से लागू हो जाएगा। सरकार ने यह कदम गिरते रुपए को सहारा देने के उपायों के तहत उठाया है। सरकार के एक नोटिफिकेशन में कहा गया है-फ्री-बैगेज अनुमति के तहत फ्लैट पैनल (एलसीडी, एलईडी, प्लाज्मा) टीवी के आयात की अनुमति वापस ली जाती है। अभी तक विदेश यात्रा से लौटने वाले लोग अपने साथ निजी उपयोग के लिए एक फ्लैट टीवी ला सकते थे, जिस पर ड्यूटी नहीं लगती थी।
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.