एकता मैं बल
मैं बचपन से "मोहयाल मित्र’ पढ़ रहा हूँ 'मोहयाल मित्र का
स्वरूप बहुत बदला है। मोहयाल मित्र वास्तव में हमारी एक
पुस्तक नहीं, . एक मित्र है, गुरू है, माँ भी है और बाप है ।
मोहयाल मित्र के माध्यम से हमें जनरल मोहयाल सभा की
कार्यवाईयों से लेकर एक आम मोहयाल के बारे में सूचनाएँ प्राप्त
होती हैं। "
रायजादा बी डी. बाली जी के अनेकों कार्यं जो वह कर रहे हैं,
जो वह कर चुके हैं, निसंदेह प्रशंसनीय एवं सराहनीय हैं।
हरिद्वार तथा वृंदावन में मोहयाल आश्रमों का बन जाना वास्तव
में प्रत्येक मोहयाल के लिए गर्व की बात है।
ईश्वर जनरल मोहयाल सभा तथा प्रत्येक मोहयाल को इतनी
शक्ति प्रदान करे कि हर धार्मिक, पर्यटन, रमणीय तय ऐतिहासिक
स्थलों पर भी मोहयाल आश्रम व होटलों का निर्माण हो, जिससे
अनगिनत मोहयालों को जो बेरोजगार हैं, रोजगार मिल सकं ।
वर्ष में किसी एक स्थान पर एक बार किसी ऐसे विशाल मेले का
आयोजन हो जिसमें विश्वभर के मोहयाल बंधू एकत्रित होकर
गुजरे हुए मोहयालों श्री आत्मा की शॉति हेतु सामूहिक प्रार्थनाएँ
करें, एक दूसरे से प्रेम व्यवहार से मिले तथा मोहयाल
एकता की शक्ति का प्रदर्शन करें।
समी मोहयाल बंधू एक दूसरे का इतना ख्याल रखें कि एक आम
मोहयाल से लेकर जनरल मोहयाल सभा तक सभी को ज्ञान हो
कि कितने मोहयाल बेरोजगार तथा जरूरतमंद हैं । मैंने पढा है
सुना है और विश्वास भी है कि एकता में बल होता है। सभी
क्षेत्रों के मोहयाल बन्धुओं से मेरा अनुरोध है वि' वह सभी
मोहयाल बंधुओं को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास करें ।
जन्म-मरण की सुचना कं अलावा किस मोहयाल को क्या तकलीफ है कि भी सुनाना मोहयाल मित्र के माध्यम से समाचार पाकर हरकोई उनकी यथाशक्ति सहायता कर सकें।
अन्त में मैं यह कहते हुए अपनी बात यहीं इति कस्ता हूँ कि श्री
विनय कुमार बक्शी ने सत्य वहा कि सोनीपत के (5-20 घर
हैं मोहयालों कं, जो खोये हैं जाने किन प्यालों में ।
मेरी ईश्वर से प्रार्थना है और दिली तमन्ना है कि मोहयाल कं
बच्चे-बच्चे में अब वह जोश-ओ जज्बा होना चाहिए कि मुझे अपनी
बिरादरी कीं तरवक्री के लिए कुछ करना है ।
हर मोहयाल की आत्मा से बस एक ही आवाज निकले-
मोहयाल एकता जिन्दाबाद ।
लेकिन ऐसा कब होगा? ऐसा तब होगा, जब हर मोहयाल यह ठान लेगा ।
जय मोहयाला
- सुनील बक्शी
जीवन नगर सांनीपत (हरियाणा )
( लेख मोहयाल -मित्र मैं प्रकाशित है , एक खबर के रूप मैं इसका इस्तेमाल गैर व्यवसायिक, सामाजिक कार्यों के रूप मैं किया जा रहा है )
मैं बचपन से "मोहयाल मित्र’ पढ़ रहा हूँ 'मोहयाल मित्र का
स्वरूप बहुत बदला है। मोहयाल मित्र वास्तव में हमारी एक
पुस्तक नहीं, . एक मित्र है, गुरू है, माँ भी है और बाप है ।
मोहयाल मित्र के माध्यम से हमें जनरल मोहयाल सभा की
कार्यवाईयों से लेकर एक आम मोहयाल के बारे में सूचनाएँ प्राप्त
होती हैं। "
रायजादा बी डी. बाली जी के अनेकों कार्यं जो वह कर रहे हैं,
जो वह कर चुके हैं, निसंदेह प्रशंसनीय एवं सराहनीय हैं।
हरिद्वार तथा वृंदावन में मोहयाल आश्रमों का बन जाना वास्तव
में प्रत्येक मोहयाल के लिए गर्व की बात है।
ईश्वर जनरल मोहयाल सभा तथा प्रत्येक मोहयाल को इतनी
शक्ति प्रदान करे कि हर धार्मिक, पर्यटन, रमणीय तय ऐतिहासिक
स्थलों पर भी मोहयाल आश्रम व होटलों का निर्माण हो, जिससे
अनगिनत मोहयालों को जो बेरोजगार हैं, रोजगार मिल सकं ।
वर्ष में किसी एक स्थान पर एक बार किसी ऐसे विशाल मेले का
आयोजन हो जिसमें विश्वभर के मोहयाल बंधू एकत्रित होकर
गुजरे हुए मोहयालों श्री आत्मा की शॉति हेतु सामूहिक प्रार्थनाएँ
करें, एक दूसरे से प्रेम व्यवहार से मिले तथा मोहयाल
एकता की शक्ति का प्रदर्शन करें।
समी मोहयाल बंधू एक दूसरे का इतना ख्याल रखें कि एक आम
मोहयाल से लेकर जनरल मोहयाल सभा तक सभी को ज्ञान हो
कि कितने मोहयाल बेरोजगार तथा जरूरतमंद हैं । मैंने पढा है
सुना है और विश्वास भी है कि एकता में बल होता है। सभी
क्षेत्रों के मोहयाल बन्धुओं से मेरा अनुरोध है वि' वह सभी
मोहयाल बंधुओं को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास करें ।
जन्म-मरण की सुचना कं अलावा किस मोहयाल को क्या तकलीफ है कि भी सुनाना मोहयाल मित्र के माध्यम से समाचार पाकर हरकोई उनकी यथाशक्ति सहायता कर सकें।
अन्त में मैं यह कहते हुए अपनी बात यहीं इति कस्ता हूँ कि श्री
विनय कुमार बक्शी ने सत्य वहा कि सोनीपत के (5-20 घर
हैं मोहयालों कं, जो खोये हैं जाने किन प्यालों में ।
मेरी ईश्वर से प्रार्थना है और दिली तमन्ना है कि मोहयाल कं
बच्चे-बच्चे में अब वह जोश-ओ जज्बा होना चाहिए कि मुझे अपनी
बिरादरी कीं तरवक्री के लिए कुछ करना है ।
हर मोहयाल की आत्मा से बस एक ही आवाज निकले-
मोहयाल एकता जिन्दाबाद ।
लेकिन ऐसा कब होगा? ऐसा तब होगा, जब हर मोहयाल यह ठान लेगा ।
जय मोहयाला
- सुनील बक्शी
जीवन नगर सांनीपत (हरियाणा )
( लेख मोहयाल -मित्र मैं प्रकाशित है , एक खबर के रूप मैं इसका इस्तेमाल गैर व्यवसायिक, सामाजिक कार्यों के रूप मैं किया जा रहा है )
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