नई दिल्ली : मिशन 2014 के लिए भाजपा ने अपनी टीम तैयार कर ली है। कोशिश यह
है कि अनुभवी और शीर्ष नेताओं के साथ युवाओं की ऐसी टीम बने, जो चुनावी
कसौटी पर खरी उतर सके। घोषणापत्र तैयार करने और गठबंधन साथियों को दुरुस्त
रखते हुए इसका आकार बढ़ाने के लिहाज से अहम दो समितियों सहित लगभग एक दर्जन
उप समितियां बनाई जाएगी। शुक्रवार को इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है।
1गुरुवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में मुख्यत: चुनावी टीम पर ही चर्चा
हुई। बताते हैं कि चुनावी अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी, पार्टी
अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरुण जेटली के बीच बुधवार की रात हुई बैठक में एक
खाका तैयार कर लिया गया था। लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में कुछ समितियों
में संशोधन का प्रस्ताव आया। सूत्रों का कहना है कि घोषणापत्र समिति के
अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी होंगे। जबकि गठबंधन के लिए बनने वाली समिति की
अध्यक्षता को लेकर बैठक में एक राय नहीं बन पाई। वैसे इसके लिए सुषमा
स्वराज और अरुण जेटली का नाम है। प्रबंधन का जिम्मा पार्टी उपाध्यक्ष
मुख्तार अब्बास नकवी को मिलेगा। वह पहले भी कार्यक्रम क्रियान्वयन के
प्रभारी हैं। 1 इसके अलावा साहित्य, प्रचार व विज्ञापन, मीडिया, लाजिस्टिक
जैसी अन्य आठ-नौ समितियां बनेंगी। कोशिश यह है कि लालकृष्ण आडवाणी को
छोड़कर शीर्ष के नेताओं को किसी न किसी समिति की कमान देकर चुनावी अभियान
में शामिल किया जाए। हर समिति में दो से तीन सदस्य होंगे। बताते हैं कि
बैठक में जब दिल्ली के लिए पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को चुनाव प्रभारी
बनाने की बात उठी तो उन्होंने नाखुशी जताते हुए कहा कि प्रभार राजस्थान के
साथ दिया जाए। वरना वह इच्छुक नहीं हैं। जबकि क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग
चार प्रभारी बनाने का प्रस्ताव खारिज हो गया। यह प्रस्ताव पिछली बैठक में
एम वेंकैया नायडू ने दिया था। लेकिन अधिकतर सदस्यों का मानना था कि
प्रभारियों की लंबी कतार खड़ी करने से स्थिति और जटिल होगी। सूत्रों का
कहना है कि कुछ बिंदु पर बैठक में मतभेद दिखे। शायद यही कारण था कि बैठक
खत्म होने के बाद मोदी आडवाणी से मिलने उनके आवास पहुंचे और चर्चा की।जागरण
ब्यूरो, नई दिल्ली : मिशन 2014 के लिए भाजपा ने अपनी टीम तैयार कर ली है।
कोशिश यह है कि अनुभवी और शीर्ष नेताओं के साथ युवाओं की ऐसी टीम बने, जो
चुनावी कसौटी पर खरी उतर सके। घोषणापत्र तैयार करने और गठबंधन साथियों को
दुरुस्त रखते हुए इसका आकार बढ़ाने के लिहाज से अहम दो समितियों सहित लगभग
एक दर्जन उप समितियां बनाई जाएगी। शुक्रवार को इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती
है। 1गुरुवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में मुख्यत: चुनावी टीम पर ही
चर्चा हुई। बताते हैं कि चुनावी अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी,
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरुण जेटली के बीच बुधवार की रात हुई बैठक
में एक खाका तैयार कर लिया गया था। लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में कुछ
समितियों में संशोधन का प्रस्ताव आया। सूत्रों का कहना है कि घोषणापत्र
समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी होंगे। जबकि गठबंधन के लिए बनने वाली
समिति की अध्यक्षता को लेकर बैठक में एक राय नहीं बन पाई। वैसे इसके लिए
सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का नाम है। प्रबंधन का जिम्मा पार्टी उपाध्यक्ष
मुख्तार अब्बास नकवी को मिलेगा। वह पहले भी कार्यक्रम क्रियान्वयन के
प्रभारी हैं। 1 इसके अलावा साहित्य, प्रचार व विज्ञापन, मीडिया, लाजिस्टिक
जैसी अन्य आठ-नौ समितियां बनेंगी। कोशिश यह है कि लालकृष्ण आडवाणी को
छोड़कर शीर्ष के नेताओं को किसी न किसी समिति की कमान देकर चुनावी अभियान
में शामिल किया जाए। हर समिति में दो से तीन सदस्य होंगे। बताते हैं कि
बैठक में जब दिल्ली के लिए पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को चुनाव प्रभारी
बनाने की बात उठी तो उन्होंने नाखुशी जताते हुए कहा कि प्रभार राजस्थान के
साथ दिया जाए। वरना वह इच्छुक नहीं हैं। जबकि क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग
चार प्रभारी बनाने का प्रस्ताव खारिज हो गया। यह प्रस्ताव पिछली बैठक में
एम वेंकैया नायडू ने दिया था। लेकिन अधिकतर सदस्यों का मानना था कि
प्रभारियों की लंबी कतार खड़ी करने से स्थिति और जटिल होगी। सूत्रों का
कहना है कि कुछ बिंदु पर बैठक में मतभेद दिखे। शायद यही कारण था कि बैठक
खत्म होने के बाद मोदी आडवाणी से मिलने उनके आवास पहुंचे और चर्चा की।नई
दिल्ली में गुरुवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली।
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